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इंदौर में सिविल इंजीनियर से ठगी में चौंकाने वाला खुलासा:आरोपियों के खाते में एक ही दिन में आए लाखों रुपए

इंदौर में टेलीग्राम पर एक सिविल इंजीनियर को क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने के नाम पर सवा चार लाख रुपए ठग लिए थे। इस मामले में राज्य साइबर सेल उस कंपनी के कर्ताधर्ताओं की तलाश में है।

राज्य साइबर सेल को ये भी जानकारी मिली है कि जिस दिन सिविल इंजीनियर के खाते से सवा चार लाख रुपए ठगे गए उसी दिन इस पैसे के अलावा भी आरोपियों के बैंक खातों में लाखों रुपए जमा हुए। टीम को आशंका है कि ये रुपए भी ठगी की वारदात से ही आए होंगे।

पहले जान लीजिए पूरा मामला…

घटना 9 फरवरी की है। रेवेन्यू नगर में रहने वाले प्राइवेट कंपनी में सिविल इंजीनियर आशीष जैन के साथ ये घटना हुई थी। 9 फरवरी को ही आशीष ने इसकी शिकायत राज्य साइबर सेल इंदौर में की। आशीष को टेलीग्राम पर बदमाश ने क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का झांसा दिया। पहले तो क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने के फायदे बताए। सिविल इंजीनियर का ऑनलाइन अकाउंट भी खुलवाया। शुरू में बदमाशों ने आशीष को टास्क दिए, जो आशीष ने पूरे भी किए। इसके बदले में आशीष को साढ़े चार हजार रुपए का फायदा भी कराया। जब आशीष को थोड़ा भरोसा हुआ तो बदमाश ने झांसा दिया कि छोटा-छोटा इन्वेस्ट करने पर कम फायदा होगा, बड़ा इन्वेस्टमेंट करने पर बड़ा फायदा होगा।

सवा चार लाख रुपए लगा दिए

बदमाश की बातों में आकर आशीष ने क्रिप्टो ट्रेडिंग में सवा चार लाख रुपए लगा दिए। इसके एवज में उसे 10 लाख रुपए मिलने वाले थे, जो उसके ऑनलाइन वाले खाते में शो भी हो रहे थे, लेकिन जब उसने रुपए मांगे तो बदमाश ने सिविल इंजीनियर को ब्लॉक कर दिया।

इंदौर की ही एक कंपनी के नाम पर मिला खाता

शिकायत मिली तो राज्य साइबर सेल की टीम एक्टिव हुई। तत्काल टीम ने जांच की तो पता चला कि पैसा इक्विटास स्माल फाइनेंस बैंक (कनाडिया शाखा) के एक खाते में गया है। टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पहले तो सिविल इंजीनियर के सवा चार लाख रुपए फ्रीज करा दिया। जांच में पता चला कि उक्त बैंक अकाउंट यशवंत प्लाजा स्थित नेटप्रो इंटरप्राइजेस कंपनी के नाम पर है।

कंपनी के कर्तार्धाताओं की तलाश

राज्य साइबर सेल इंदौर के एसपी जितेंद्र सिंह के मुताबिक टेलीग्राम के माध्यम से सिविल इंजीनियर के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में जांच जारी है। जिस कंपनी के नाम पर बैंक में खाता मिला है टीम उसके कर्ताधर्ताओं की तलाश में है। टीम को ये जानकारी भी मिली है कि जिस दिन सिविल इंजीनियर का पैसा उस बैंक खाते में गया उसी दिन उक्त बैंक खाते में लाखों रुपए जमा हुए। टीम ने यशवंत प्लाजा स्थिति कंपनी पर दबिश भी दी थी, लेकिन वहां कोई नहीं मिला।

कई अन्य को भी शिकार बनाने की संभावना

इधर, ये संभवना भी जताई जा रही है कि बदमाशों ने सिविल इंजीनियर के अलावा अन्य लोगों को भी अपने झांसे में लिया होगा। बैंक खाते में इतना पैसा कहा से आया ये भी जांच का विषय है। संभवत टीम इसकी भी जांच करेगी। जांच में कई बातें सामने आ सकती है।

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