बारिश के कारण मची तबाही को देखते हुए निचली बस्तियों में खाना, दूध सहित अन्य सामग्री लेकर दरगाह नाहरशाह वली कमेटी उतरी मैंदान में…
इंदौर: बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर, जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियां उड़ जाएं… मशहूर शायर राहत इंदौरी का ये शेर इंदौर के उन दिलेरों पर एकदम सटीक बैठता है, जो लगातार हो रही बारिश से प्रदेश भर में मच रहे कोहराम की वजह से दिए जख्मों पर मरहम लगाने निकल पड़े हैं।
पूरे प्रदेश के साथ-साथ इंदौर में जल सैलाब ने की वजह से निचली बस्तियों में जल भराव की समस्या हो रही है। पूरी हिंदुस्तान में अपनी अलग पहचान रखने वाले इंदौर में इस वक़्त निचली बस्तियों में हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। कई घरों में चूल्हे नहीं जले हैं बच्चे अपने घरों में भूखे बैठे हुए हैं और बेबस एवं लाचार मां-बाप घरों में कैद होकर पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं ताकि अपने बच्चों की पेट की आग को बुझा सके। इंदौर में कई सामाजिक संस्थाएं राहत सेवाएं देने का काम कर रही है।
बारिश की वजह से आई इंदौर में तबाही को मद्देनज़र नजर रखते हुए दरगाह नाहरशाह वली खजराना के सदर डॉक्टर रिज़वान पटेल अपनी पूरी टीम को लेकर मैंदान में उतर गए हैँ और लोगों तक राहत पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। जिन घरों में चूल्हे नहीं जले हैं उन घरों में खाने का इंतजाम छोटे बच्चों के लिए दूध का इंतजाम साथ ही हर संभव मदद पहुंचाने का काम दरगाह नाहर शाह वली कमेटी कर रही है।
डॉक्टर रिजवान पटेल ने बताया की जैसे ही उन्हें सूचना प्राप्त हुई कि निचली बस्तियों में जल भराव की समस्या ज्यादा हो रही है लोगों के घर में चूल्हा नहीं जला है वक़्फ़ हजरत दरगाह नाहरशाह वली की पूरी टीम कमर कस के मैदान में उतर गई है। हमारे सूफी संतों जिस तरह देश और समाज की खिदमत की है हम भी उनके नक्शे कदम पर लोगों की मदद के लिए कोशिश कर रहे हैं हालांकि हम हर जगह नहीं पहुंच पा रहे हैं बारिश बहुत तेज है पानी का बहाव बहुत ज्यादा है इसके कारण हमारे कार्य की गति भी धीमी है हम और अन्य सामाजिक संस्थाओं से आग्रह कर रहे हैं कि वह भी आगे आए और राहत किस कार्य को हमारे साथ मिलकर करें।
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